वैसे तो क्रिकेट के मैदान पर दो टीमों के खिलाड़ियों के बीच कई बार कहा सुनी हो जाती है, लेकिन क्या कभी आपने सुना है कि कोई खिलाड़ी अपनी टीम के ही साथी की आलोचना कर रहा हो दरअसल, टीम इंडिया (Team India) में ऐसे एक नहीं बल्कि तीन मामले हैं जब टीम के किसी खिलाड़ी ने अपने ही साथी की मीडिया के सामने आलोचना की है.
तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको टीम इंडिया (Team India) के ऐसे 3 खिलाड़ियों के नाम बताएंगे जिन्होनें जिन्होंने मैदान पर अपने ही साथी खिलाड़ियों पर विवादित बयान दिए हैं.
महेंद्र सिंह धोनी-वीरेंद्र सहवाग
टीम इंडिया (Team India) के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) को वैसे तो उनके शांत स्वभाव के लिए जाना जाता है, मगर कई बार मैदान पर उन्हें गुस्सा करते हुए भी देखा गया है। जहां एक बार धोनी ने टीम के सीनियर क्रिकेटर्स को लेकर ऐसा कमेंट कर दिया था कि उसे लेकर खूब हल्ला हुआ था।
दरअसल, यह बात साल 2012 की है जब भारत की टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर थी. उस वक्त धोनी ने बगैर किसी का नाम लिए गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर को स्लो फील्डर बता दिया था. जहां धोनी ने कहा था कि इन तीनों खिलाड़ियों में से 2 को टीम में खिलाया जाएगा और उनके साथ एक यंग प्लेयर होगा।
वीरेंद्र सहवाग-एमएस धोनी
भारत के पूर्व कप्तान एमएस धोनी ने साल 2012 में सीबी सीरीज (CB Series) के दौरान वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) को स्लो फिल्डर बता दिया था तो इस बात को लेकर खूब विवाद हुआ था. इसके बाद इस सीरीज के एक मैच में टीम इंडिया (Team India) की कमान सहवाग ने संभाली थी क्योंकि उस वक्त धोनी नहीं खेले थे।
वहीं इस मैच में वीरू ने एक शानदार कैच पकड़ा था. जहां मैच खत्म होने के बाद फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सहवाग ने भी धोनी से मजे लेते हुए बोला था कि,‘मेरा कैच देखा क्या?’. गौरतलब है कि धोनी के इस फैसले को कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने सही बताया था तो कुछ ने गलत करार दिया था।
गौतम गंभीर-एमएस धोनी
गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) और महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के बीच की तकरार से हर कोई वाकिफ है. इसी वजह से जब भी गंभीर को मौका मिलता था, तो वो धोनी पर कमेंट करने से नहीं कतराते थे. जिसका सबसे अच्छा उदाहरण साल 2012 में हुई सीबी सीरीज (CB Series) के दौरान का है।
दरअसल, इस सीरीज के एक मैच में धोनी ने लास्ट ओवर में टीम इंडिया (Team India) को जीत दिलाई थी पर गंभीर इस बात से कुछ खास खुश नहीं थे, जिसके लिए गंभीर ने कहा था कि “मैच को पहले ही खत्म किया जा सकता था. मैच को इस तरह से लास्ट ओवर तक लेकर ही नहीं जाना चाहिए.”