पिछले 5-6 सालों की बात करें, तो पाकिस्तान टीम का पलड़ा भारत पर हावी रहा है. पाकिस्तान ने जहां टीम इंडिया को साल 2017 के चैंपियन ट्रॉफी फाइनल में हराया था. वहीं साल 2021 के टी20 विश्व कप मैच में भी पटखनी दी थी. साथ ही एशिया कप 2022 के सुपर-4 में भी भारत को पाकिस्तान के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.
वैसे तो टीम इंडिया को भी इस दौरान कुछ जीत हासिल हुई हैं, लेकिन पाकिस्तान से टीम इंडिया की हार भारतीय फैंस को बहुत ज्यादा चुभती हैं, तो आज हम आपको अपने इस खास लेख में उन 3 कारणों के बारे में बताएंगे, जिसके चलते बार-बार भारत को पाकिस्तान टीम से हार का सामना करना पड़ता हैं.
बाएं हाथ का गेंदबाज बन जाता हैं भारत के लिए खतरा
पाकिस्तान के पास काफी अच्छे बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं, 2017 की चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के शुरुआती 3 विकेट मोहम्मद आमिर ने झटक लिए थे. वहीं 2021 टी20 विश्व कप में टॉप-3 शाहीन अफरीदी ने आउट कर दिए थे. वसीम अकरम भी भारत को काफी परेशान करते थे. पाकिस्तान के बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों को बेहतर तरीके से ना खेल पाने की वजह से कहीं ना कहीं भारत को पाकिस्तान के हाथों हार का सामना करना पड़ता हैं.
पाकिस्तान के नए खिलाड़ियों पर भारत नहीं रखता पैनी नजर
भारत की हार की दूसरी वजह कहीं ना कहीं हर बार पाकिस्तान के नए खिलाड़ी बन जाते हैं. दरअसल भारत, पाकिस्तान के अनुभवी खिलाड़ियों की तो तैयारी करे रखता हैं, लेकिन युवा खिलाड़ियों के लिए रणनीति बनना भूल जाता हैं. इसका उदहारण है कि 2017 की चैंपियंस ट्रॉफी में फखर जमान ने भारत के खिलाफ एक शानदार शतक लगा डाला था और मोहम्मद नवाज ने एशिया कप 2022 में एक मैच विनिंग पारी खेल डाली थी.
पाकिस्तान के खिलाफ जरुरत से ज्यादा प्रेशर लेते भारतीय खिलाड़ी
पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय खिलाड़ी जरुरत से ज्यादा प्रेशर लेते हैं और इसी वजह से वह मैदान पर अपना 100 प्रतिशत नहीं दे पाते हैं. दरअसल, पाकिस्तान के खिलाफ भारत के बल्लेबाज जहां अपना नेचुरल गेम छोड़ धीमे स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करने को देखने लगते हैं, वहीं गेंदबाज भी अपने बेसिक्स को छोड़ जरुरत से ज्यादा वेरिएशन करने लगते हैं. पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले प्रेशर की वजह से भी भारतीय अपना बेस्ट पाकिस्तान के खिलाफ नहीं दे पा रहे हैं.