हाली ही में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच सम्पन्न हुई पांच मैचों की टी-20 सीरीज के चारों मुकाबलों में ऋषभ पंत कप्तानी और बल्लेबाजी दोनों में ही फ्लॉप रहें हैं, इससे वह लंबे समय से सवालों के घेरे में फसें हुए हैं. वहीं इस टी-20 सीरीज में उनकी कप्तानी पर निशान साधते हुए पूर्व भारतीय ऑल राउंडर मदन लाल ने प्रतिक्रिया दी है.
मदन लाल का मानना है कि ऋषभ पंत अभी कप्तानी के लिए परिपक्व नहीं हुए हैं, अगर कप्तानी देने का फैसला मेरे हाथ में होता तो मै ऋषभ पंत को कप्तानी के लिए अनुमति नहीं देता और उन्हे कप्तान बनने से रोकता.
ऋषभ पंत कप्तानी के लिए परिपक्व नहीं
स्टारस्पोर्ट्स पर चर्चा के दौरान मदन लाल ने ऋषभ पंत को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मै उसे कप्तान बनने से रोकता, इसकी अनुमति नहीं देता, क्योंकि ऐसे खिलाड़ी को ये जिम्मेदारी बाद में दी जानी चाहिए. भारत का कप्तान बनना बड़ी बात है, वह एक नौ जवान हैं, वह अभी कहीं नहीं जा रहा है, वह जीतने अधिक समय तक खेलेगा, वह और अधिक परिपक्वता प्राप्त करेगा”
मदन लाल ने क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी का उदाहरण देते हुए बताया कि धोनी एक शांत कप्तान थे, यह गुण एक अच्छे कप्तान के लिए आवश्यक है, वहीं बल्लेबाजी का ढंग कैसा होना चाहिए इसके लिए मदन लाल ने पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली का उदाहरण दिया.
मदन लाल ने अपने शब्दों को आगे बढ़ाते हुए कहा, “अगले दो सालों में अगर वह अपने खेल को अगले स्तर तक ले जा सकता है, तो वह एक अच्छा कप्तान बन सकता है, चीजों से परिपक्वता से निपट सकता है. यह एक अलग नेचर का खिलाड़ी है. एमएस धोनी एक शांत कप्तान थे, जो उन्हें कप्तान के रूप में उपयुक्त बनाता था. विराट कोहली शानदार बल्लेबाज हैं. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि पंत को अपना बल्ला स्विंग नहीं करना चाहिए, लेकिन अगर वह थोड़ी और परिपक्वता के साथ खेल सकते हैं तो यह बहुत अच्छा होगा”
चार मुकाबलों में बना पाए थे मात्र 58 रन
ऋषभ पंत, साउथ अफ्रीका के खिलाफ़ पांच मैचों की टी-20 सीरीज में कप्तानी और बल्लेबाजी दोनों में ही फ्लॉप नजर आये हैं. कई अनुभवी और कप्तान रह चुके दिग्गज खिलाड़ियों का मानना है कि उन्होंने कप्तानी के दौरान कई गलत फैसलों का चयन किया है, फिर चाहे वह सीरीज के पहले मुकाबले में यूजवेंद्र चहल जैसे गेंदबाज को चौथे ओवर में गेंदबाजी करने का फैसला रहा हो.
बता दें, कि इस पूरी सीरीज में ऋषभ पंत ने चार मुकाबलों में मात्र 58 रन ही बनाए थे. इसी कारण मदन लाल का मानना है कि ऋषभ पंत को अभी अपनी बल्लेबाजी में और अधिक ध्यान देना चाहिए और परिपक्व होना चाहिए, फिर कप्तानी कि और अपना रुख मोड़े.