टीम इंडिया के सीमित ओवरों में विशेषक गेंदबाज माने जाने वाले यूज़वेंद्र चहल काफी टाइम से टीम से बाहर चल रहे हैं टीम में उनके सिलेक्शन को लेकर कप्तान और कोच की रणनीति फिट नहीं बैठती है, वरना T20 में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाला गेंदबाज कैसे टीम से बाहर रह सकता है.
क्रिकेट में यह देखा गया है कि किसी भी खिलाड़ी करियर कप्तान और कोच की रणनीति के हिसाब से चलता है अगर उसका प्रदर्शन और खिलाड़ी की अहमियत टीम के कप्तान और कोच की रणनीति के साथ होता है तभी उसे टीम में शामिल किया जाता है.
राहुल द्रविड़ बर्बाद कर रहे चहल का करियर
यजुवेंद्र चहल बीच के ओवरों में विकेट निकालने की शानदार काबिलियत रखते हैं मगर रोहित शर्मा की कप्तानी और कुछ द्रविड़ के रणनीति में चहल फिट नहीं बैठते हैं, इस समय भारतीय टीम में कुलदीप यादव और अक्षर पटेल सीमित ओवरों में नियमित रूप से खेल रहे हैं.
हालांकि चहल को भी कुछ सीरीज में मौका मिला है लेकिन चहल टीम में अंदर-बाहर होते रहे हैं वनडे वर्ल्ड कप के लिए आज से चहल एक उपयोगी गेंदबाज हो सकते हैं और भारतीय टीम शायद तीन स्पिनर के साथ भी कई मैचों में उतर सकती है. बता दें कि चहल को टी20 विश्व कप 2022 के दौरान कोच द्रविड़ ने एक भी मैच की प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं दिया था. इसके बाद अन्य सीरीज में भी चहल सिर्फ पानी पिलाते ही नजर आए थे.
T-20 और वनडे में है शानदार रिकॉर्ड
यजुवेंद्र चहल ने भारतीय टीम के लिए 2016 में पदार्पण किया था इसके बाद से अभी तक में टीम के लिए 72 वनडे और 75 टी20 मैचों में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और उनके रिकॉर्ड पर ना डालें तो आज तक वनडे मैचों में उनके नाम 121 विकेट दर्ज है इसके अलावा T20 में उनके नाम 92 विकेट दर्ज है जो कि किसी भी भारतीय गेंदबाजों में सबसे ज्यादा है.
कभी कोहली-शास्त्री के बेहद करीबी थे चहल
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली के फेवरेट गेंदबाजों में चहल की गिनती होती थी, वह रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए भी खेलते हैं लेकिन भारतीय टीम में विराट कोहली की कप्तानी के दौरान चहल का कद काफी ऊंचा था और कप्तान कोहली को चहल ने अपनी गेंदबाज़ी से कभी निराश नहीं किया था. कोहली के पसंदीदा होने के कारण कोच रवि शास्त्री भी चहल पर बहुत ज्यादा भरोसा करते थे.