टीम इंडिया के रणनीति और खिलाड़ियों के चयन है में कप्तान का काफी अहम रोल होता है, इसीलिए आपने देखा होगा कि हर कप्तान के कुछ पसंदीदा खिलाड़ी होते हैं जो कि नियमित रूप से टीम के साथ जुड़े रहते हैं यह कहा भी जाता है कि उन खिलाड़ियों को बनाने में उस कप्तान का अहम रोल रहा था.

इतिहास पर नजर डालें तो सौरव गांगुली जब कप्तान थे तब टीम इंडिया में हरभजन सिंह, युवराज सिंह, मोहम्मद कैफ और जहीर खान जैसे युवा खिलाड़ी तैयार हुए थे, इसके बाद महेंद्र सिंह धोनी के दौर में रविंद्र जडेजा अश्विन और बुमराह जैसे खिलाड़ी तैयार हुए है इसी तरह की परंपरा विराट कोहली और रोहित शर्मा के कप्तानी के दौर में भी देखी जा सकती है.

लंबे समय से टीम से बाहर है चहल

यजुवेंद्र चहल एक समय में टीम के प्रमुख स्पिनर के तौर पर खेला करते थे और उनका रिकॉर्ड भी बेहद शानदार रहा है खासकर बीच के ओवरों में विकेट लेने की उनकी क्षमता ने भारतीय टीम को काफी मैचों में जीत दिलाने में मदद की थी. सीमित ओवरों के लिए चल एक शानदार विकल्प के तौर पर भारतीय टीम में खेलते है लेकिन पिछले कुछ समय से नियमित रूप से उन्हें टीम में मौका नहीं मिल रहा है जिसका असर उनकी परफॉर्मेंस में ही नजर आता है. हालांकि यह कहा जा सकता है कि पहले की तुलना में अब उतने प्रभावी नहीं दिख रहे है.

T-20 और वनडे में है शानदार रिकॉर्ड

यजुवेंद्र चहल ने भारतीय टीम के लिए 2016 में पदार्पण किया था इसके बाद से अभी तक में टीम के लिए 72 वनडे और 75 टी20 मैचों में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और उनके रिकॉर्ड पर ना डालें तो आज तक वनडे मैचों में उनके नाम 121 विकेट दर्ज है इसके अलावा T20 में उनके नाम 92 विकेट दर्ज है जो कि किसी भी भारतीय गेंदबाजों में सबसे ज्यादा है.

कभी कप्तान कोहली के बेहद करीबी थे चहल

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली के फेवरेट गेंदबाजों में चहल की गिनती होती थी वह रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए भी खेलते हैं लेकिन भारतीय टीम में विराट कोहली की कप्तानी के दौरान चहल का कद काफी ऊंचा था और कप्तान कोहली को चहल ने अपनी गेंदबाज़ी से कभी निराश नहीं किया था.