पिता ने बिस्कुट फैक्ट्री में काम करके बेटे को बनाया क्रिकेटर, बेटे ने लिए 1347 विकेट | muttiah muralitharan biography in hindi

muttiah muralitharan biography in hindi : टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में 800 विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज श्रीलंका के दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) ने 2010 में अपने 18 साल लंबे टेस्ट करियर से संन्यास की घोषणा कर दी थी, लेकिन अपने इस लंबे करियर के दौरान उन्होनें अपनी गेंदबाजी में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की थी और इन सफलताओं के पीछे मुरलीधरन का काफी स्ट्रगल भी छिपा था। जहां एक वक्त उनके पिता बिस्कुट की फैक्ट्री में काम करते थे और इसी के सहारें उन्होनें मुरलीधरन के क्रिकेटर बनने के सपने को पूरा।

बस फिर क्या था उन्होनें अपने इस सपने को पूरा कुछ अटूट रिकॉर्ड के साथ समाप्त किया जिसे आज 12 साल बाद भी कोई अन्य गेंदबाज तोड़ नहीं पाया है. तो चलिए आज अपने इस आर्टिकल में मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) के उन स्पेशल मुमेंट्स को ही याद करते हैं..

800 विकेट के लिए दिया कड़ा इम्तिहान

muttiah muralitharan biography
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इसमें कोई शक नहीं कि मुथैया मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) को 800 विकेट लेने में काफी कठिनाई हुई थी. वर्ष 2010 में भारत के खिलाफ गॉल के मैदान पर खेले गए टेस्ट मैच में मुरलीधरन ने पहली पारी में तो 5 विकेट काफी आसानी से हासिल कर लिए थे, मगर दूसरी पारी में उन्हें एक-एक विकेट लेने के लिए काफी कड़ा इम्तिहान देना पड़ा था. जहां एक वक्त तो ऐसा लग रहा था कि मुरलीधरण 800 विकेट पूरे करने वाले अपने इस कारनामें से चूक जाएंगे.

लेकिन नहीं, भारतीय बल्लेबाजों की खराब फॉर्म मुरलीधरण को इस कारनामें को पार करने से नहीं रोक पाई. जिसमें खेल के पांचवे दिन भारत के 12 विकेट गिरे, इसमें से 5 विकेट मुरलीधरन के खाते में गए. हालांकि, मुरली को अपने अंतिम तीन विकेट हासिल करने में 44.4 ओवर फेंकने पड़े मगर जब उन्होनें अपनी 800वीं विकेट हासिल की तो उस दौरान श्रीलंकाई टीम के बाकी खिलाड़ियों समेत मैदान में मौजूद सभी दर्शक की खुशी देखने लायक थी।

ओझा बनें थे 800वां शिकार

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खेल के आखिरी दिन जब भारत फॉलोऑन पर था तो वीवीएस लक्ष्मण (VVS Laxman) क्रीज पर टिके हुए थे और भारत के महज 2 विकेट ही बचे थे. वहीं मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) को 800 का आंकड़ा छूने के लिए महज 1 विकेट चाहिए था. हालांकि मैच में ट्विस्ट फिर भी जारी रहा और मुरलीधरन की मुश्किलें तब बढ़ गई थी जब लक्ष्मण के रन आउट हो गए थे. जिसके बाद श्रीलंका के अन्य गेंदबाजों पर विकेट न लेने का दबाव आ गया था.

हालांकि, मुरलीधरन ने इस दौरान अपने अनुभव का इस्तेमाल किया और बिना किसी हिचक के अपनी स्पिन के जाल में भारतीय खिलाड़ी प्रज्ञान ओझा को फंसाते हुए स्लिप में खड़े महेला जयवर्धने के हाथों में कैच दिलवाई. तब जाकर मुरली ने 800 टेस्ट विकेट का बेमिसाल आंकड़ा आखिरकार अपने नाम किया. जिसके बाद श्रीलंका टीम के बाकी खिलाड़ियों ने अपने इस दिग्गज क्रिकेटर को उनके करियर की परफेक्ट विदाई थी.

muttiah muralitharan का इंटरनेशनल करियर

Muralitharan

आपको बता दें कैंडी में जन्मे मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) के पिता एक बिस्कुट कंपनी में काम करते थे. लेकिन इसके बावजूद उनके बेटे ने वर्ल्ड क्रिकेट में अपना नाम बनाया. जहां मुरलीधरन ने टेस्ट में 800 और वनडे में 534 विकेट अपने नाम किए वहीं टी20 में भी मुरलीधरन ने 13 विकेट हासिल किए थे. इस तरह मुरलीधरन ने अपने इंटरनेशनल करियर में कुल 1347 विकेट हासिल किए.

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